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गिरिडीह में दर्दनाक सड़क हादसा: ट्रक ने बाइक सवार दो भाइयों को कुचला, दोनों गंभीर रूप से घायल

 



गिरिडीह के जमुआ मुख्य मार्ग पर शुक्रवार सुबह हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में दो चचेरे भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनो घायलों की पहचान चरगो-कर्मा निवासी अर्जुन प्रसाद वर्मा और सुरेश प्रसाद वर्मा के रूप में हुई है।

दोनों भाई रोज की तरह सुबह अपने घर कर्मा से बाइक पर द्वारपहरी में स्थित कपड़ा दुकान खोलने जा रहे थे। इसी दौरान द्वारपहरी झींझरी पहाड़ी के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। जिसमे दोनो गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और घायलों को तत्काल सदर अस्पताल पहुंचाया।

लंगटा बाबा कॉलेज की टीम पहुँची मोंगिया स्टील फैक्ट्री परिसर, छात्र-छात्राओं के इंटर्नशिप के लिए किया एमओयू

 


जमुआ के मिर्जागंज स्थित लंगटा बाबा कॉलेज की टीम शुक्रवार को टुंडी रोड स्थित मोंगिया स्टील फैक्ट्री परिसर पहुंची और छात्र-छात्राओं के इंटर्नशिप के लिए एम ओ यू किया।

इस दौरान टर्म कंडीशन पढ़कर दोनों पक्ष में मो पर साइन किया और छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की इस बाबत लंगटा बाबा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर कमल नयन सिंह ने कहा कि इंटर्नशिप के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट और इंडस्ट्रियल विजिट को लेकर मोंगिया स्टील के साथ एमओयू किया गया है ताकि विद्यार्थी तकनीकी पहलुओं के साथ-साथ वाणिज्यिक गुर को भी सीख सकें।

इधर मोंगिया स्टील के चेयरमैन डॉक्टर गुणवंत सिंह मोंगिया ने कहा कि वह हमेशा ही पठन-पाटन और शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं। इस बार लंगटा बाबा कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए एम ओ यू किया गया है।ताकि विद्यार्थी तकनीकी और व्यापारिक ज्ञान हासिल कर जीवन में आगे बढ़ सके।

आज एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां मकानों में नंबर प्लेट लगाने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही थी।


 मकानों में नंबर प्लेट लगाने के नाम पर 50 रुपए वसूली का मामला सामने आया है। हालांकि मामले की शिकायत के आलोक में बीडीओ ने इस पर रोक का निर्देश दिया है। जानकारी के अनुसार गांडेय प्रखंड की उदयपुर पंचायत में एक संस्था के प्रतिनिधियों की ओर से घरों में नंबर प्लेट लगाने के एवज में 50 रुपए वसूली की जा रही थी।

घटना को लेकर अभिव्यक्ति फाउंडेशन के कार्यकर्त्ता सुरेश कुमार मुर्मू और सीएसपी संचालक राजन टुड्डू ने गांडेय बीडीओ निसात अंजुम से शिकायत की। शिकायत के बाद बीडीओ निसात अंजुम गंभीर हुए और पत्र निर्गत कर कार्य को रोकने का आदेश जारी किया।

बीडीओ निसात अंजुम ने कहा कि जिला से इस तरह के कार्य करने को लेकर कोई निर्देश प्राप्त नहीं है। इसलिए उक्त पंचायत के ग्रामीणों के शिकायत के बाद पत्र जारी कर कार्य करने पर रोक लगा दी गयी है।

आज, 25 जनवरी 2025 को 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर समाहरणालय सभागार में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया

 



15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर समाहरणालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का संकल्प

आज, 25 जनवरी 2025 को 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर समाहरणालय सभागार में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर लोकतांत्रिक व्यवस्था और मतदान के महत्व को रेखांकित करते हुए नागरिकों से लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और संवर्धन के लिए शपथ दिलाई गई।

कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह ने एकजुट होकर यह संकल्प लिया कि वे निष्पक्ष, स्वतंत्र और शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और लोकतंत्र के प्रति अपनी निष्ठा को दृढ़ बनाए रखेंगे।

मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा, "मतदान केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है, जो हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को सशक्त बनाता है। प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह चुनावी प्रक्रिया में भाग लेकर देश के भविष्य को सुनिश्चित करें।"

इस कार्यक्रम में कई जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और नागरिकों ने भाग लिया और यह संकल्प लिया कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहेंगे, ताकि भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत किया जा सके।

इस अवसर पर विभिन्न जागरूकता अभियानों और मतदाता शिक्षा कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी साझा की गई, ताकि आगामी चुनावों में हर नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

नेताजी की जयंती रूप में सर जे सी बोस मुख्यमंत्री बालिका उत्कृष्ट विद्यालय में श्रद्धा भाव के साथ मनाई गई


 गिरिडीह : नेताजी की जयंती रूप में सर जे सी बोस मुख्यमंत्री बालिका उत्कृष्ट विद्यालय में श्रद्धा भाव के साथ मनाई गई


सी बोस मुख्यमंत्री बालिका उत्कृष्ट विद्यालय में गुरुवार को श्रद्धा भाव के साथ मनाई गई। मौके पर विद्यालय परिवार बाल संसद के पदाधिकारी और शिक्षको, बाल संसद के पदाधिकारी ने नेताजी के जयंती पर उनके तस्वीर के सामने दीप जलाकर और चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त किया।

नेताजी के देश के प्रति समर्पण, स्वतंत्रता के संग्राम में उनके योगदान को बताते हुए प्राचार्य मुन्ना प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि नेताजी के रूप में लोकप्रिय सुभाष चंद्र बोस एक प्रखर राष्ट्रवादी, एक प्रभावी वक्ता, एक कुशल संगठनकर्ता, एक विद्रोही देशभक्त और भारतीय इतिहास के सबसे महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। उन्हें ब्रिटिश सरकार के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ने और 21 अक्तूबर 1943 को एक स्वतंत्र सरकार बनाने का श्रेय दिया जाता है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के व्यक्तित्व और कृतित्व ने आजादी के आंदोलन को एक नई दिशा दी थी, आज उनकी पावन जयंती 'पराक्रम दिवस' के अवसर पर पूरा कृतज्ञ राष्ट्र भावनाओं से भरा है। मौके पर शिक्षक मोहम्मद अख्तर अंसारी संदीप कुमार संजीव कुमार राजेंद्र कुमार बम शंकर मंडल सहित सैकड़ो छात्राएं उपस्थित थीं।

भूतिया हवेली की खौफनाक रात




गांव के किनारे एक पुरानी हवेली थी, जिसे लोग "शापित हवेली" कहते थे। कहा जाता था कि वहां रात में अजीब-अजीब आवाजें आती थीं और जो कोई भी उस हवेली में गया, वो कभी वापस नहीं लौटा।

एक दिन, चार दोस्त - रवि, अंशुल, कविता और साक्षी - ने मज़ाक में तय किया कि वे उस हवेली में रात बिताएंगे। सभी ने अपनी-अपनी टॉर्च और कैमरे ले लिए।

पहला कदम हवेली में
हवेली के दरवाजे से ही डर का माहौल महसूस हो रहा था। जाले, टूटी खिड़कियां और सन्नाटा। जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, एक ठंडी हवा का झोंका आया। अंदर अंधेरा था और फर्श पर धूल की मोटी परत।

अजीब आवाजें और छायाएं
जैसे ही वे अंदर गए, उन्हें किसी के कदमों की आवाज सुनाई दी। पर जब उन्होंने मुड़कर देखा, तो वहां कोई नहीं था। अचानक एक पुरानी घड़ी ने बारह बजने की आवाज की। रवि ने कहा, "यह सब हमारा भ्रम है।" लेकिन तभी एक दरवाजा अपने आप खुल गया।

छत पर छुपा राज़
वे डरते-डरते छत की ओर बढ़े। छत पर एक पुरानी ड्रेस पहने एक औरत खड़ी थी। उसके बाल बिखरे हुए थे और आंखें लाल चमक रही थीं। उसने धीरे-धीरे उनकी ओर देखा और भयानक आवाज में कहा, "तुम लोगों ने यहां आने की हिम्मत कैसे की?"

साक्षी घबराकर पीछे हट गई, लेकिन उसका पैर एक ढीले फर्शबोर्ड में फंस गया। तभी औरत हवा में गायब हो गई। लेकिन हवेली की दीवारों से जोर-जोर से हंसने की आवाज आने लगी।

भागने की कोशिश
सभी डर के मारे भागने लगे, लेकिन जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, वो दरवाजा जंजीरों से बंधा हुआ था। हवेली के चारों ओर धुंआ-सा भर गया। अचानक, रवि को महसूस हुआ कि कोई उसकी गर्दन को पीछे से पकड़ रहा है।

सूरज की रोशनी से बचाव
पूरी रात उनकी जान पर बन आई, लेकिन जैसे ही सुबह की पहली किरण हवेली में पड़ी, हर चीज शांत हो गई। दरवाजा खुल चुका था। वे सब तेजी से बाहर भागे और कसम खाई कि दोबारा उस हवेली के पास भी नहीं जाएंगे।

लेकिन कहते हैं कि उस रात के बाद रवि का चेहरा हमेशा डरावना बना रहा। और जो भी उससे उसकी हालत पूछता, वह सिर्फ एक ही बात कहता, "उसने मुझे जाने नहीं दिया..."

सच्चा प्यार


 कृषि प्रधान गाँव "सूरजपुर" के शांत वातावरण में एक लड़की रहती थी, जिसका नाम था "राधिका।" उसकी बड़ी-बड़ी आँखें और मीठी मुस्कान हर किसी को मोह लेती थी। वह गाँव के बच्चों को पढ़ाती थी और अपनी सरलता के कारण पूरे गाँव में प्रिय थी।

इसी गाँव के दूसरे छोर पर अर्जुन नाम का एक लड़का रहता था। अर्जुन एक किसान था, लेकिन उसकी सोच उसके खेतों से भी बड़ी थी। वह खेती में नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करता और हमेशा गाँव वालों की मदद के लिए तैयार रहता।

एक दिन राधिका के स्कूल में बारिश के कारण छत गिर गई, और बच्चे कहीं खेलने की जगह ढूंढने लगे। अर्जुन ने यह देखा और अपने खेत के एक हिस्से को बच्चों के लिए खेलने का मैदान बनाने का सुझाव दिया। राधिका उसकी उदारता से प्रभावित हुई।

धीरे-धीरे दोनों में बातें होने लगीं। अर्जुन को राधिका की पढ़ाई और बच्चों के प्रति लगन पसंद आई, और राधिका को अर्जुन की मेहनत और स्वाभिमान। दोनों के बीच एक अनकही समझदारी और सम्मान पैदा हुआ।

एक दिन गाँव के प्रधान ने अर्जुन को बुलाया और उसकी शादी के लिए एक लड़की का रिश्ता सुझाया। अर्जुन ने मुस्कुराकर कहा, "मुझे शादी करनी है, लेकिन जिससे मेरा दिल जुड़ चुका है, उसी से।" प्रधान ने आश्चर्य से पूछा, "कौन?"

अर्जुन ने राधिका का नाम लिया। यह सुनकर प्रधान ने उसकी सराहना की और कहा, "तुम्हारा चुनाव सही है।"

अर्जुन ने अपने मन की बात राधिका से की। राधिका थोड़ी शरमाई, लेकिन उसने भी अपनी सहमति दे दी। गाँव वालों ने खुशी-खुशी दोनों की शादी करवाई।

शादी के बाद, राधिका और अर्जुन ने साथ मिलकर गाँव को और बेहतर बनाने का सपना देखा। राधिका बच्चों को पढ़ाती रही, और अर्जुन ने खेती में नई तकनीकों का इस्तेमाल कर गाँव को समृद्ध बनाया। उनका प्यार और आपसी समझ गाँव वालों के लिए प्रेरणा बन गया।